आरती हनुमत प्यारे की Aarti hanumat pyare ki बागेश्वर धाम सरकार
आरती हनुमत प्यारे की। पवन सुत राम दुलारे की।।-2
आप प्रभु स्वयं रुद्रअवतार।
राम की सेवा सरस विचार ।
प्रगट भए सेवक कपि तनुधार ll
हे अंजना मार…केसरी तार …हरस बली जार ..
कियती कपि कुल उजियारे कि…. पावन सुत
सुहावन चंचल बरन शरीर l
बिराजत ह्रदय सिया रघुवीर l
दिखाए छातीचीर महावीर l
बुद्धि बलधाम..धरे प्रभु राम ..गुणतगुण नाम ..
प्राण तन मन धन वारे की…. पावन सुत ।।
दास नहीं दूजो अस कोऊ ओर।
स्वामी रघुवर समर्थ सिर मोर l
अप्रियतम चरण दिइद इचढोर l
बाल ब्रह्मचारी .. सियाराम के पुजारी.. हरी भक्त चारी..
संतान भक्तान रखवारे की … पावन सुत ।।
मेह निधि नारायण को दास l
करत श्री चारननो में अरदात ।
कृपा करही हड़ हायहु दूस चात l
येदे हो प्रभु भक्ति… सो सेवा सक्ति… चरण अनु रत्ती….
मैथिली गाय आधारे की… पावन सुत