80-90 के दशक के मशहूर अभिनेता गोविंदा अपनी कॉमेडी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, एक समय ऐसा भी था जब गोविंदा ने अपनी ही फिल्मों को बी-ग्रेड बताकर कॉमेडी फिल्मों से संन्यास ले लिया था।
2003 में कॉमेडी फिल्मों से संन्यास की घोषणा करते हुए गोविंदा ने रेडिफ से कहा था, “मेरी फिल्मों को हमेशा टाइम पास या बी-ग्रेड माना जाता है। उन्हें कभी अच्छी फिल्में नहीं कहा जाता। अगर मेरी फिल्में अच्छा प्रदर्शन भी करती हैं, तो उन्हें कभी भी आलोचकों की प्रशंसा नहीं मिलती। मुझे सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की श्रेणी में नामांकन मिलता था, लेकिन मैं कभी जीत नहीं पाता। फिर इस श्रेणी का नाम बदलकर कॉमिक रोल में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता कर दिया गया। मैंने स्थिति से लड़ने की कोशिश की, लेकिन फिर मैंने सोचा कि मैं क्यों लड़ूं, इसलिए मैंने बदलाव का फैसला किया।”
उन्होंने आगे कहा, “अब से मैं कॉमेडी फिल्में नहीं करूंगा। अगर करूंगा भी तो स्क्रिप्ट फ्रेश और नई होनी चाहिए। मुझे एक ही तरह की राइटिंग पसंद नहीं है। एक और एक ग्यारह तक से मेरा करियर ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं ज्यादा सफल हूं या कम। जो महत्वपूर्ण है वो है सफलता। मुझे अपना नाम खराब नहीं करना चाहिए। इससे बाहर निकलने का यही सही समय है।”
फिल्मों के चयन पर गोविंदा ने कहा था, “मुझे अच्छा सिनेमा चाहिए। इसमें गुणवत्तापूर्ण लेखन और अच्छे निर्देशक होने चाहिए। लेकिन मेरे लिए ड्रीम रोल जैसी कोई चीज नहीं है। अगर मेरे दिमाग में कुछ खास होता तो मैं दूसरों को अपने अंदर की बेहतरीन खूबियों को सामने लाने का मौका नहीं देता।”
आपको बता दें कि 90 के दशक के अंत तक नए हीरो के आने से गोविंदा की फैन फॉलोइंग कम हो गई थी। साल 2003 के बाद गोविंदा को बहुत कम फिल्में मिलने लगीं। बाद में वे भागम भाग, पार्टनर, सलाम-ए-इश्क, मनी है तो हनी है, लाइफ पार्टनर, किल दिल जैसी मल्टीस्टारर फिल्मों में नजर आए।
गोविंदा की आखिरी फिल्म 2019 में आई रंगीला राजा थी, जिसमें उन्होंने डबल रोल निभाया था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही थी।