शैतान समीक्षा: यहां फ़्लफ़ी फ़िल्म से अधिक डरावना कुछ भी नहीं है अच्छाई बनाम बुराई की घिसी-पिटी रचना में, यह जितना कृत्रिम है उतना ही जटिल भी,